शासन की बेरुखी, बेहतर इलाज न मिलने से हुई थी छात्रा मौत, कंधों पर उठाकर घर लाना पड़ा बहन का शव

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है। यहां दो भाईयों ने अपनी बहन के शव को अपने कंधों पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया। दरअसल एलनगंज महाराज नगर थाना मैलानी की रहने देवेंद्र कुमार की बेटी मृतक शिवानी की उम्र 15 साल थी। उसके बड़े भाई मनोज ने बताया कि हम तीनों भाई बहन पलिया में पढ़ाई करते थे। बहन शिवानी कक्षा 12 की छात्र थी। बहन की तबीयत 2 दिन पहले पलिया में खराब हुई।

डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टरों ने बहन शिवानी को टाइफाइड की बीमारी की बात कही। शिवानी को डॉक्टर ने दवा देकर अस्पताल में एडमिट कर लिया। इसी बीच शिवानी की हालत और बिगड़ती चली गई। इसके बाद भारी बारिश होने लगी। बरसात के चलते पलिया शहर टापू में तब्दील हो गया। चारों तरफ के रास्ते शारदा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण जलमग्न हो गए। शारदा नदी ने चारों तरफ की सड़कों और रेल लाइन को अपनी आगोश में ले लिया। यातायात रुक गया और हम लोग अपनी बहन को बेहतर इलाज नहीं दिला पाए, जिसके चलते हमारी बहन की मौत हो गई। हम लोग नाव के सहारे नदी पार कर अपनी बहन के शव को लेकर अपने गांव पंहुचे।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता देवेंद्र ने बताया कि जिन भाइयों को अपनी बहन की डोली को कंधा देना था, आज उन्होंने उसकी अर्थी को कंधा दिया। लाश लेकर 5 किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने गांव पहुंचे। परिवार और गांव वालों का कहना है कि शासन-प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।

इस घटना को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “उप्र के लखीमपुर से एक दुखद समाचार मिला है कि बाढ़ के कारण सही समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से एक लड़की की मृत्यु हो गई। लाचार भाई ने अपनी बहन को कंधे पर लादकर अस्पताल ले जाने का भरसक प्रयास किया लेकिन रास्ते में ही बहन की मौत हो गई। सरकार से अपेक्षा है कि वो बाढ़ के हालातों में आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त इंतज़ाम करे और याद रखे, ग़रीब के जीवन का भी कोई मोल होता है।”

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